देश को देश में ही निर्मित सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन मिल गई है। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित पहली स्वदेशी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) वैक्सीन का नाम CERVAVAC है, जो केंद्रीय ड्रग्स लेबोरेटरी (CDL) कसौली के मानकों पर खरी उतरी है। इस बारे में लैब के निर्देशक सुशील साहू ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला में सफल परीक्षण के बाद CDL ने सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन को ग्रीन सिग्नल दे दिया है।वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया (DCGAI) से मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में कंपनी ने बीते सप्ताह 3 बैच परीक्षण के लिए भेजे थे। इन 3 बैच में लगभग 70 हजार डोज थी, जिनकी क्वालिटी और कंट्रोल का टेस्ट किया गया।

बता दें कि बालिका दिवस के मौके गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वाइकल कैंसर के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन को लॉन्च किया था। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस की इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT), बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से बनाया गया। वैक्सीन बनने में करीब 6 से 7 साल लगे।
सीरम इंस्टीट्यूट को भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से वर्ष 2022 में सर्वाइकल कैंसर का टीका विकसित करने के लिए बाजार प्राधिकरण प्राप्त हुआ था। दूसरी ओर, कसौली स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से प्रमाणित इकलौती प्रयोगशाला है। किसी भी दवा को भारतीय बाजार में उतारने से पहले CDL कसौली के लैब में होने वाले टेस्ट में उसका पास होना आवश्यक है।