रेणुकुट/सोनभद्र : दिनांक 29 नवंबर 2024, शुक्रवार को क्रिया कुटी आश्रम, रेणुकुट में अघोर गुरु पीठ ब्रह्मनिष्ठालय बनौरा, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के अधिष्ठाता परम पूज्य औघड़ संत बाबा प्रियदर्शी राम जी के निर्देशन में परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी का 32वां महानिर्वाण दिवस सेवा दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अघोरेश्वर भगवान राम जी के आदर्शों और शिक्षाओं को नमन किया। मानव सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित इस महान संत के विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

1992 में, इसी दिन, परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम ने वाराणसी स्थित महाविभूति स्थल पर समाधि ली थी।
तब से, हर वर्ष उनके महानिर्वाण दिवस को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, रेणुकुट के क्रिया कुटी आश्रम में इस पावन अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां:
- सुबह 8:30 बजे:
चरण पादुका पूजन और सफल योनि पाठ का आयोजन। - गुरु गीता पाठ और भजन-कीर्तन:
श्रद्धालुओं ने भजनों के माध्यम से अघोरेश्वर भगवान राम को नमन किया। - सेवा कार्य:
- पास के क्षेत्रों के गरीब और जरूरतमंद आदिवासियों को भरपेट भोजन कराया गया।
- कंबल, साबुन, तेल, टूथपेस्ट और ब्रश जैसी आवश्यक वस्तुएं वितरित की गईं।
- भंडारा:
सभी श्रद्धालुओं और उपस्थित जनसमूह को भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया।

कार्यक्रम में शहर और आसपास के गांवों से सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अघोरेश्वर भगवान राम जी के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया।

अघोरेश्वर भगवान राम का मानना था कि:
- “मानव सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।”
- उन्होंने भेदभाव से ऊपर उठकर सभी वर्गों और समुदायों को गले लगाया।
- “हर व्यक्ति को अपने विचारों को सकारात्मक बनाकर समाज की भलाई में योगदान देना चाहिए।”
- उन्होंने कर्म और सेवा को ईश्वर की भक्ति से जोड़ा।
आज के समय में, जब समाज में विभाजन और असमानता बढ़ रही है, अघोरेश्वर भगवान राम के विचार हमें एकजुट रहने और मानवता की सेवा करने का संदेश देते हैं।
इस कार्यक्रम में आए श्रद्धालुओं ने अघोरेश्वर भगवान राम जी के जीवन और उनके सिद्धांतों के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

श्रद्धालु अंजना देवी (रेणुकुट निवासी):
“यहां आकर मुझे अघोरेश्वर भगवान राम जी के बारे में जानने का अवसर मिला। उनकी शिक्षा हमें सिखाती है कि सच्चा धर्म मानव सेवा है।”

श्रद्धालु रमेश यादव (सोनभद्र):
“अघोरेश्वर के विचार हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं।”
इस वर्ष का सेवा दिवस न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह समाज के जरूरतमंदों को सशक्त बनाने का भी प्रयास था।
कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हर इंसान को दूसरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

औघड़ संत बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा:
“परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी ने हमें सिखाया कि दूसरों की सेवा करके हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के उत्थान में भी योगदान देते हैं।”

समाज को प्रेरित करने वाला आयोजन
यह कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं था, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने और सेवा की भावना को जागृत करने का एक प्रयास था।
अघोरेश्वर भगवान राम के विचार और आदर्श न केवल धार्मिक अनुयायियों के लिए, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक हैं।

कार्यक्रम के आयोजकों ने संदेश दिया:
“अगर हर व्यक्ति अपने आस-पास के जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प ले, तो समाज से गरीबी, असमानता और भेदभाव खत्म किया जा सकता है।”

अघोरेश्वर भगवान राम भले ही आज सशरीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और सिद्धांत हर उस व्यक्ति के दिल में जीवित हैं, जो मानवता की सेवा में विश्वास करता है।
उनकी समाधि, महाविभूति स्थल, आज लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा और आस्था का केंद्र है।
उनका जीवन और शिक्षाएं समाज में प्रेम, एकता और सेवा की भावना को बढ़ावा देती हैं।

आज, जब समाज में अलगाव और असमानता जैसी चुनौतियां सामने हैं, अघोरेश्वर भगवान राम के विचार और उनकी शिक्षाएं एक प्रकाश स्तंभ की तरह हमारा मार्गदर्शन करती हैं।

उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्ची भक्ति केवल ईश्वर की पूजा में नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में है।
यह महानिर्वाण दिवस न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी है।
हर श्रद्धालु ने इस आयोजन से यही संदेश लिया कि:
“हर छोटे से छोटा प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।”