सोनभद्र। क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे आस-पास लोग इंटरनेट से सीखकर नकली नोट छाप रहे हैं? जी हां, ये चौंकाने वाली खबर है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया है। शुक्रवार को पुलिस लाइन में एडिशनल एसपी कालू सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि दो युवक, जो कि केवल यूट्यूब से देखकर नकली नोट छापने का धंधा कर रहे थे, गिरफ्तार कर लिए गए हैं। क्या है इस गिरोह का पूरा राज़? कैसे ये लोग केवल 10 रुपये के स्टांप पेपर पर 500 के नकली नोट बना रहे थे? और ये नकली नोट कैसे असली लगते थे? आइए, इस पूरे मामले पर गहराई से नज़र डालते हैं!”
बात कुछ ऐसी है कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो युवक कोन थाना क्षेत्र के रामगढ़ बाजार में नकली नोट बनाने और चलाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने जब इनकी निगरानी शुरू की, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रमोद मिश्रा और सतीश राय ने नकली नोट बनाने का ये तरीका यूट्यूब से सीखा था। सोचिए, वो तकनीक जिसने हमें घर बैठे लाखों चीजें सिखाई हैं, अब अपराधी उसे कैसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।”
“आखिरकार, गुरुवार की देर रात पुलिस ने इन दोनों युवकों को पकड़ ही लिया। गिरफ्तार करने के बाद जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके पास से 10,000 रुपये के नकली नोट, 10 रुपये के 27 स्टांप पेपर, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर और बिना नंबर की आल्टो कार बरामद हुई। लेकिन ये आरोपी कैसे इन साधारण चीज़ों का इस्तेमाल कर नकली नोट बना रहे थे?”
“अब आप सोच रहे होंगे, सिर्फ स्टांप पेपर का उपयोग करके नकली नोट बनाना कैसे संभव है? तो दोस्तों, यहाँ पर ये लोग स्टांप पेपर का इस्तेमाल इसलिए करते थे क्योंकि इसका टेक्सचर असली नोट के कागज जैसा होता है। वे पहले 500 रुपये के असली नोट को स्कैन करके उसकी हूबहू कॉपी बना लेते थे और फिर उसे स्टांप पेपर पर प्रिंट कर देते थे। इस तरह के नोट असली जैसे दिखाई देते थे और आसानी से पहचान में नहीं आते थे।”
सवाल ये उठता है कि क्या ये दोनों आरोपी अकेले इस धंधे में शामिल थे या फिर इनके साथ और भी लोग हैं? पुलिस का कहना है कि इनसे आगे पूछताछ की जा रही है ताकि इस गिरोह का पूरा जाल सामने आ सके। और एक सवाल जो हमारे ज़हन में आता है – क्या ये गिरोह अन्य शहरों में भी फैला हुआ है?”
अब आपने जाना कि कैसे आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल अपराधी अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। यूट्यूब पर दी गई जानकारी को देखना और सीखना हमारे लिए एक वरदान हो सकता है, लेकिन इसका दुरुपयोग करने वाले इन लोगों ने इसे कैसे अभिशाप बना दिया है। क्या इस गिरोह का और बड़ा चेहरा भी सामने आएगा? क्या नकली नोटों का ये कारोबार और फैल चुका है? आगे की जानकारी के लिए बने रहिए हमारे साथ, और हमें बताइए कि आपको इस घटना के बारे में क्या लगता है।”