रेणुकूट/सोनभद्र: एक इंसान सिर्फ अपने काम से नहीं, बल्कि अपने दिल से भी लाखों लोगों की मदद करता है ? आज हम बात करेंगे ऐसे ही एक महान शख्सियत की, जिनकी यादें आज भी हमारे दिलों में ताजा हैं।

हम बात कर रहे हैं स्वर्गीय चाचा लाल बहादुर जी की, जिनकी 117वीं जयंती पर एक भव्य सेवा दिवस मनाया गया। तो आइए, जानते हैं इस अद्भुत कार्यक्रम के बारे में।

चाचा लाल बहादुर जी की जयंती एक खास दिन है, जब हम उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को याद करते हैं। वे सिर्फ एक मजदूर नेता नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी गरीबों और मजदूरों की सेवा में समर्पित कर दी। इस दिन को हम “सेवा दिवस” के रूप में मनाते हैं ताकि उनकी प्रेरणा से हम भी कुछ अच्छा कर सकें।

इस खास दिन पर रेणुकूट, सोनभद्र में चाचा लाल बहादुर जी की प्रतिमा के सामने यह कार्यक्रम बड़े धूमधाम से आयोजित हुआ। कार्यक्रम का आयोजन किया गया चाचा लाल बहादुर स्मारक सेवा समिति द्वारा। क्या आप जानते हैं कि इस कार्यक्रम में कौन-कौन लोग शामिल हुए ?

मुख्य अतिथि थे राजकीय इंटर कॉलेज पिपरी के पूर्व प्रधानाचार्य अवधेश सिंह जी, और हमारे साथ थे हिन्डाल्को अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ अजय गुगलानी जी।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महेन्द्र सिंह जी ने की, और संचालन किया ब्लड डोनर दिलीप दुबे जी ने। फिर, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शेख जलालुद्दीन, सुरेश सिंह बाबा, जोगेन्द्र सिंह फौजी और मुन्ना सिंह ने चाचा लाल बहादुर जी के जीवन के अद्भुत कार्यों को याद किया। उनके लिए दो मिनट का मौन भी रखा था, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। चाचा लाल बहादुर जी ने न सिर्फ दूसरों को संघर्ष से लड़ने की ताकत दी, बल्कि उन्हें एक दिशा भी दिखाई।

फिर इस कार्यक्रम में सभी ने नगर के हिन्डाल्को अस्पताल और अन्य अस्पतालों में गरीबों को फल, बिस्कुट और लड्डू का वितरण किया। क्या आप सोच सकते हैं कि ऐसे छोटे-छोटे कार्य एक इंसान की ज़िन्दगी को कितना बदल सकते हैं ? इस वितरण के दौरान सैकड़ों मजदूर और दुकानदार भी शामिल हुए, जिन्होंने चाचा लाल बहादुर जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

चाचा लाल बहादुर जी का जीवन सिखाता है कि यदि हम सही दिशा में मेहनत करें और दूसरों की मदद करें तो हमारा काम कभी व्यर्थ नहीं जाता। चाचा जी ने मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई और उनका संघर्ष समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरणा बना।

चाचा लाल बहादुर जी ने हमेशा मजदूरों के हक के लिए संघर्ष किया। वे चाहते थे कि मजदूरों को उनके अधिकार मिलें और उनकी मेहनत का सही मुआवजा मिले। उनका यह संघर्ष आज भी हमें प्रेरित करता है।

चाचा लाल बहादुर जी की जयंती एक दिन नहीं, बल्कि एक याद दिलाने वाला दिन है कि हमें भी दूसरों की मदद करनी चाहिए। वे हमें सिखाते हैं कि हम अगर दूसरों के लिए कुछ करें तो हमारी ज़िन्दगी का उद्देश्य पूरा होता है।

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