अडाणी एंटरप्राइजेज बीस हजार करोड़ रुपए तक के इक्विटी शेयरों के FPO को रद्द कर दिया है। इन्वेस्टर्स का पैसा वापस किया जाएगा। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने बुधवार रात यह फैसला लिया। इस इक्विटी शेयर्स की फेस वैल्यू एक रुपए है। यह FPO फुली सबस्क्राइब हुआ था।
अडाणी इंटरप्राइजेज ने बुधवार रात प्रेस रिलीस जारी की। हम यहां उसका मजमून दे रहे हैं…
‘अडाणी इंटरप्राइजेज ने 1 फरवरी को हुई बोर्ड मीटिंग में फैसला लिया है कि हम FPO को आगे नहीं ले जाएंगे। फिलहाल के हालात और स्टॉक में उतार-चढ़ाव को देखते हुए फैसला लिया गया है कि ग्राहकों के हित में FPO के साथ आगे नहीं बढ़ा जाएगा और ट्रांजैक्शन को पूरी तरह से वापस लिया जाएगा। हम इन्वेस्टर्स को FPO में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हैं। इस FPO का सब्सक्रिप्शन कल (31 जनवरी को) सफलतापूर्वक बंद हुआ है।
स्टॉक अस्थिर होने के बावजूद इस कंपनी, हमारे बिजनेस और हमारे मैनेजमेंट में आपके भरोसे और विश्वास के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। हालांकि आज मार्केट अभूतपूर्व रहा है। हमारे स्टॉक प्राइस में दिन-भर उतार-चढ़ाव आया है। ऐसे असाधारण हालात को देखते हुए कंपनी के बोर्ड ने महसूस किया कि अभी इस FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक तौर सही नहीं होगा। हमारे इन्वेस्टर्स का हित सबसे आगे है।
इसलिए भविष्य में होने वाले किसी फाइनेंशियल लॉस से उन्हें बचाने के लिए बोर्ड ने तय किया है कि इस FPO के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। हम अपने लोगों को रिफंड देने के लिए अपने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLM) के साथ काम कर रहे हैं। हमारी बैलेंस शीट इस समय बहुत मजबूत है। हमारा कैश फ्लो और एसेट सिक्योर है। साथ ही कर्ज चुकाने का हमारा रिकॉर्ड सही रहा है।

हमारे इस फैसले से हमारे मौजूदा ऑपरेशंस और भविष्य की हमारी योजनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम लॉन्ग टर्म वैल्यू क्रिएशन पर फोकस रखना जारी रखेंगे और हमारी ग्रोथ आंतरिक बढ़ोतरी के हिसाब से मैनेज की जाएगी।जैसे ही बाजार स्थिर होगा हमारी कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी का रिव्यू करेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि हमें आपका सहयोग मिलता रहेगा। हम पर भरोसा रखने के लिए धन्यवाद।’
FPO क्या होता है
FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर। यह कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका है। जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेट होती है वो निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है। ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं। ज्यादातर ये शेयर प्रोमोटर्स जारी करते हैं। FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस बदलाव करने के लिए होता है।
IPO और FPO में अंतर क्या है?
कंपनियां अपने विस्तार के लिए IPO या FPO का इस्तेमाल करती हैं। इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के जरिए कंपनी पहली बार बाजार में अपने शेयर्स उतारती है। जबकि FPO में अतिरिक्त शेयर्स को बाजार में लाया जाता है।