रेणुकूट/सोनभद्र : रेलवे स्टेशन पर हुई एक घटना जिसने इंसानियत और जिम्मेदारी की सच्ची मिसाल पेश की। अमरजीत कुमार, जो सप्लाई लेबर का काम करते हैं, एक हादसे में घायल होकर 30 मिनट तक मदद के इंतजार में पड़े रहे। भीड़ तमाशा देखती रही, लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। ऐसे में टीम निशा बबलू सिंह ने कदम उठाया और उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया। जानिए, कैसे इन असली हीरो ने एक जान बचाई।
क्या होगा जब आपके सामने किसी की जान बचाने का मौका हो, लेकिन कोई मदद करने के लिए आगे न आए?”
आज की कहानी है इंसानियत और मदद की। रेलवे स्टेशन पर हुई एक दर्दनाक घटना, जिसमें घायल व्यक्ति घंटों मदद के लिए पड़ा रहा, लेकिन कोई उसकी मदद करने आगे नहीं आया। फिर टीम निशा बबलू सिंह ने जो किया, वह आपको गर्व महसूस कराएगा। चलिए जानते हैं पूरी कहानी।
रेलवे स्टेशन फूड लेंड के पास एक हादसा हुआ। अमरजीत कुमार, उम्र 30 साल, सप्लाई लेबर का काम करते हैं। अचानक उनका एक्सीडेंट हो गया। वहां आधे घंटे तक लोग खड़े होकर तमाशा देखते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
क्या आप सोच सकते हैं कि जब इंसानियत पर संकट हो, तब मदद करने वाले लोग कहां चले जाते हैं?
जब किसी ने मदद नहीं की, तो अमरजीत के एक दोस्त ने फोन करके टीम निशा बबलू सिंह को बुलाया। टीम ने बिना समय गवाएं मौके पर पहुंचकर घायल को हिंडालको हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां प्राथमिक उपचार हुआ और तुरंत अमरजीत के परिवारवालों को भी सूचना दी गई।
सोचिए, अगर यह टीम न होती, तो क्या होता?
इसीलिए, हमें हमेशा जिम्मेदारी के साथ इंसानियत निभाने का प्रयास करना चाहिए।
क्या आपने कभी सोचा है कि भीड़ में खड़े लोगों में से कोई मदद के लिए आगे क्यों नहीं आता?
तमाशा देखने वाले बहुत मिलते हैं, लेकिन मदद करने वाले कम।
हमें ऐसे हादसों से सीख लेनी चाहिए। अगर हम किसी की मदद कर सकते हैं, तो हमें तुरंत कदम उठाना चाहिए।
हम उम्मेद करते हैं की अमरजीत कुमार जल्द ही स्वस्थहो जाएंगे और उम्मीद है कि वह जल्द ही अपने परिवार के साथ होंगे। यह सब मुमकिन हुआ टीम निशा बबलू सिंह के प्रयासों से। दोस्तों, इस कहानी को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इंसानियत का महत्व समझ सकें।
जय हिंद