सोनभद्र : स्प्रिंकलिंग स्माइल संस्था ने ग्राम झारो खुर्द में 1 दिसंबर को 100 ग्रामीणों को कंबल वितरित किए और 200 लोगों के भोजन का प्रबंध किया। इस दिल को छू लेने वाले कार्यक्रम में छोटे बच्चों को मिठाई भी बांटी गई। सुधीर अग्रवाल और स्वाति अग्रवाल जैसे समाजसेवियों के प्रयास से यह कार्यक्रम सफल हुआ। जानिए कैसे छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं।

क्या आपने कभी सोचा है कि ठंडी रातों में बिना कंबल के सोने वाले लोग कैसे रहते हैं? और क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी मदद से उनके चेहरे पर कैसे मुस्कान लाई जा सकती है? आज की हमारी कहानी स्प्रिंकलिंग स्माइल संस्था की है, जिन्होंने ग्राम झारो खुर्द में ऐसा ही एक अद्भुत काम किया!”

“स्प्रिंकलिंग स्माइल… नाम से ही लगता है, मुस्कुराहट फैलाने का काम। इस संस्था के संस्थापक, श्री सुधीर अग्रवाल और स्वाति अग्रवाल जी, ने इस पहल की शुरुआत की। क्या आप जानते हैं, उन्होंने इस बार 100 ग्रामीणों को कंबल बांटे, और 200 लोगों के लिए स्वादिष्ट भोजन का प्रबंध किया। क्यों? क्योंकि यह सिर्फ दान नहीं, बल्कि दिल से जुड़ा काम है।”

“तारीख थी 1 दिसंबर। ठंड का मौसम, लेकिन स्प्रिंकलिंग स्माइल ने इसे एक गर्मजोशी भरा दिन बना दिया। गाँव झारो खुर्द में सभी लोग इकट्ठा हुए, और वहाँ जो माहौल था, उसे शब्दों में बताना मुश्किल है। बच्चों को मिठाई मिली, बुजुर्गों को कंबल मिला, और हर किसी के चेहरे पर खुशी थी।”
“इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सिर्फ सुधीर जी और स्वाति जी का ही नहीं, बल्कि कई और लोगों का योगदान रहा। हेमंत लोढ़ा जी, राजकुमार यादव जी, और अन्य साथियों ने मिलकर इसे यादगार बनाया।”
यह कार्यक्रम सिर्फ एक बार की मदद नहीं थी। Sprinkling Smile हमें यह सिखाता है कि अगर हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझे, तो दुनिया कितनी खूबसूरत बन सकती है। सोचिए, अगर हम अपने आस-पास के जरूरतमंद लोगों की मदद करने का छोटा-सा कदम उठाएं, तो कितना बदलाव ला सकते हैं।