ग्रामवासी दादा की 29 वीं पुण्यतिथि पर समाज सेवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों ने किया याद

ग्रामवासी दादा की 29 वीं पुण्यतिथि पर समाज सेवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों ने किया याद

सोनभद्र। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी,गांधी वादी विचार धारा को अपने जीवन मे आत्मसात करने वाले,भारतीय संस्कृति एवम लोकचेतना के संवाहक, शोषित पीड़ित मजलुमो के लिए आजीवन संघर्ष रत, लोक कल्याण के लिए सदैव समर्पित, सच्चे राष्ट्रभक्त, कर्मयोगी, युग पुरुष,युगद्रष्टा, धर्मपरायण तथा दया, करुणा और सहिष्णुता के सच्चे पोषक पत्रकारिता के स्तम्भ, उच्च विचार व सादगी की प्रतिमूर्ति, जिनका जीवन हम सभी के लिए सदा प्रेरणास्रोत हैं जो अदम्य साहस व मजबूत संकल्प शक्ति प्रतीक गौवध, मदिरा, लाटरी (जुआ), अश्लील प्रदर्शन, के प्रखर विरोधी और हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का पद देने के लिए लड़ाई लड़ने वाले वनवासी सेवा आश्रम की सन 1954 में स्थापना करने वाले,ग्रामवासी पत्रिका का सन 1923 प्रकाशन आरम्भ करने वाले संस्थापक संपादक, सन 1952 से 1957 तक जनपद सोंनभद्र के दुद्धी क्षेत्र के प्रथम विधायक पंडित ब्रजभूषण मिश्र “ग्रामवासी” जी महामानव को उनकी 29 वी पुण्यतिथि पर ना केवल अपने तरफ से बल्कि उनके महान विचारों के समर्थक राष्ट्रभक्त सोनभद्र जनपद सहित सभी देशवासियों की तरफ से उनको कोटि कोटि नमन करता हूं और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ उक्त बाते ग्रामवासी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर चोपन सोन नदी के तट पर स्थित ग्रामवासी सेवा आश्रम के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवम सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने कही। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवम आमंत्रित अतिथियों द्वारा ग्रामवासी जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर एवम पुष्प अर्पित कर के गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अयोध्या से पधारे संत बाबा इंद्र भूषण दास ने किया और संचालन ग्रामवासी आश्रम के संयोजक राजेश अग्रहरी ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सोनभद्र के जाने माने कवि साहित्यकार दिवाकर दिवेदी मेघ विजयगढ़ी ने ग्रामवासी दादा को याद करते हुए उनके साथ बिताए स्मृतियों को साझा करते हुए दादा के ऊपर लिखी एक कविता सुनाई और कहा कि ग्रामवासी जी का जीवन अनुकरणीय एवम वंदनीय है। वही कार्यक्रम में आए इंजिनियर अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि दादा जी के बारे में जितना कहा जाए कम है क्योंकि दादा जी का जीवन देश और समाज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित था। पत्रकार समाज सेवी मनोज कुमार चौबे ने कहा कि ग्रामवासी दादा सदा हम सभी के लिए प्रेरणा श्रोत रहेंगे। गुप्त काशी के रवि प्रकाश चौबे ने कहा कि दादा जी ने इस क्षेत्र के लिए जो काम किया है वो कोई दूसरा कभी नहीं कर सकता है और उनको अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इसी प्रकार कार्यक्रम में आए अतिथियों में मुख्य रूप से अजय कुमार गुप्ता,विनोद कुमार सिंह,राकेश देव पाण्डेय,सतीश कुमार चतुर्वेदी,धर्मेंद्र कुमार पांडेय राजू सहित दर्जनों लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत मां का सच्चा सपूत बताया। कार्यक्रम का समापन करते हुए अध्यक्षता कर रहे बाबा इंद्र भूषण दास जी ने कहा कि मैं कार्यक्रम में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करता हूं और अपील करता हूं कि दादा जी के पांच सूत्रों को अपने जीवन में धारण करते हुए देश और समाज के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करें।साथ ही उन्होंने कहा कि मैं उनकी पुत्री शुभाषा मिश्रा जी को भी नमन करता हूँ जो उनके जीवन यात्रा के प्रत्येक कालखंड की उपलब्धियों को संग्रहित कर सजोने और संवारने का ना केवल काम कर रही हैं परंतु आज की युवा पीढ़ी को उनके उच्च आदर्शों को अपना कर अपने जीवन को अवलोकित करने के लिए सामग्री भी उपलब्ध करा रही है।

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